40 साल में 8 ने खड़े किए हाथ: भारत में वित्त मंत्री क्यों नहीं लड़ते लोकसभा का चुनाव…
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है.
सीतारमण के मुताबिक उनके पास न तो चुनाव लड़ने के लिए संसाधन है और न ही चुनाव जीतने की कला.
यह पहली बार नहीं है, जब किसी वित्त मंत्री ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. 1984 के बाद 8 वित्त मंत्री चुनाव लड़ने से पीछे हट गए हैं.
1980 में इंदिरा गांधी जब तीसरी बार प्रधानमंत्री बनी तो उन्होंने अपनी सरकार में आर वेंकेटरमण और प्रणब मुखर्जी को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी.
1980 में इंदिरा गांधी जब तीसरी बार प्रधानमंत्री बनी तो उन्होंने अपनी सरकार में आर वेंकेटरमण और प्रणब मुखर्जी को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी.
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब 1984 में लोकसभा चुनाव हुए तो दोनों वित्त मंत्री चुनाव मैदान में नहीं उतरे.
राजीव गांधी सरकार में वित्त रहे शंकर राव चव्हाण भी 1989 में चुनाव लड़ने से पीछे हट गए थे. बेटे अशोक चव्हाण को नांदेड़ सीट से उतारा था.
1991 में कांग्रेस की जब सत्ता में वापसी हुई तो पार्टी ने पीवी नरसिम्हा राव को प्रधानमंत्री बनाया, 1996, 2004 और 2009 में सिंह के चुनाव लड़ने की चर्चा भी हुई, लेकिन उन्होंने लोकसभा चुनाव से खुद को दूर ही रखा.
1999-2004 तक अटल बिहारी कैबिनेट में 2 लोगों को वित्त मंत्री बनाया गया.
शुरुआत के 3 साल जसवंत सिंह वित्त मंत्री के पद पर रहे और बाद में यह प्रभार यशवंत सिन्हा को सौंपी गई.
2004 में अटल कैबिनेट में वित्त मंत्री रहे जशवंत सिंह चुनाव नहीं लड़े, जबकि यशवंत सिन्हा हजारीबाग सीट से मैदान में उतरे.
यूपीए की पहली सरकार में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. कैबिनेट में पी चिदंबरम को वित्त मंत्री बनाया गया था.
2009 के चुनाव में मनमोहन खुद चुनाव नहीं लड़े. पार्टी का तर्क था कि मनमोहन सभी जगह कैंपेन करेंगे, इसलिए वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.
मनमोहन सरकार के दूसरे कार्यकाल में 2 वित्त मंत्री बने, लेकिन दोनों चुनाव मैदान में नहीं उतरे.
2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी, तो वकील अरुण जेटली को वित्त मंत्री बनाया गया. जेटली उस वक्त राज्यसभा से सांसद थे.
जनवरी 2019 से फरवरी 2019 तक पीयूष गोयल को भी वित्त मंत्रालय का जिम्मा मिला था.
दिलचस्प बात है कि 2019 लोकसभा चुनाव में दोनों मंत्री चुनाव नहीं लड़े. 2019 लोकसभा चुनाव के बाद जेटली कैबिनेट में नहीं लिए गए.
सीतारमण पूरे 5 साल तक वित्त मंत्री रही हैं. हालांकि, 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ने से उन्होंने भी इनकार कर दिया है.
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