राम मंदिर में सोने की अनोखी रामायण के भी होंगे दर्शन
भगवान श्री राममंदिर में भक्त अब सोने की अनोखी रामायण के भी दर्शन कर सकेंगे. नवरात्रि के प्रथम दिन रामायण को गर्भ गृह में स्थापित किया गया है.
यह अनोखा रामायण, MP कैडर के पूर्व IAS सुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणन और उनकी पत्नी सरस्वती ने राम मंदिर ट्रस्ट को भेंट की है.
इस रामायण की स्थापना के दौरान लक्ष्मी नारायण अपनी पत्नी के साथ मौजूद रहे. इसका निर्माण चेन्नई के प्रसिद्ध वुममिडी बंगारू ज्वेलर्स ने किया है.
रामायण को गर्भगृह में रामलला की मूर्ति से सिर्फ 15 फीट की दूरी पर एक पत्थर के आसन पर रखा गया है. इसके शीर्ष पर चांदी से बना राम का पट्टाभिषेक है.
इस विशेष प्रतिकृति का प्रत्येक पृष्ठ तांबे से बना 14 गुणे 12 इंच आकार का है. जिस पर राम चरित मानस के श्लोक अंकित हैं.
10,902 छंदों वाले इस महाकाव्य के प्रत्येक पृष्ठ पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ी है. गोल्डन प्रतिकृति में लगभग 480-500 पृष्ठ हैं.
यह 151 किलोग्राम तांबे और 3-4 किलोग्राम सोने से बनी है. प्रत्येक पृष्ठ तीन किलोग्राम तांबे का है. धातु से बनी इस रामायण का वजन 1.5 क्विंटल से अधिक है.