Bihar Election 2025: आचार संहिता लागू होते ही डीएम-एसपी के पास आ जाती है ये पावर

चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है.

इसके बाद जिला प्रशासन यानी डीएम और एसपी को चुनाव आयोग के अधीन कई विशेष अधिकार मिल जाते हैं.

इनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि चुनाव निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी ढंग से संपन्न हों.

डीएम जिले में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के तौर पर काम करता है. उसे यह अधिकार मिल जाता है कि वह किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी की ड्यूटी चुनाव कार्य के लिए लगा सकता है.

आचार संहिता के बाद डीएम की पावर

इसके अलावा, डीएम को यह पावर होती है कि वह आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति, संगठन या राजनीतिक दल पर तुरंत कार्रवाई करा सके.

आचार संहिता के बाद डीएम की पावर

आचार संहिता लागू होते ही वह पुलिस बल की तैनाती, पेट्रोलिंग, फ्लैग मार्च और संवेदनशील बूथों की सुरक्षा व्यवस्था खुद तय करता है.

आचार संहिता के बाद एसपी की पावर

आचार संहिता लागू होते ही डीएम और एसपी के पास प्रशासनिक नियंत्रण, कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी और चुनाव की निष्पक्षता बनाए रखने की पूरी ताकत होती है.

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