गुलाबी नगरी के काले हनुमान: जहां तेज आवाज में पाठ करना है मना, नहीं बजाई जाती घंटी
हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर आज हम आपको बताने जा रहे है जयपुर के एक ऐसे मन्दिर के बारे में
जहां तेज आवाज में पाठ करना मना है इस मंदिर में ना तो घंटी घड़ियाल बजाते हैं और ना ही जोर-जोर से भगवान की आरती गाई जाती है.
मंदिर में प्रसाद और माला लाना भी मना है बाहर से लाए हुए फूल प्रसाद भी भगवान को नहीं चढ़ाए जाते.
प्रसाद फूल बाहर से हीं अर्पण करके भक्तों को वापस दे दिया जाता है. न ही डोनेशन लिया जाता.
जयपुर में हवामहल के पास स्थित यह देशभर में एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी की मूर्ति काले रंग की है.
भगवान सूर्य देव, हनुमान जी के गुरु थे. एक बार हनुमान जी का मन भगवान सूर्य को गुरु दक्षिणा देने का हुआ.
उन्होंने सूर्य देव से पूछा कि ‘हे प्रभु’ मैं आपको गुरु दक्षिणा में क्या दे सकता हूं.
तब भगवान सूर्य ने कहा कि मेरे पुत्र को मेरे पास ले आओ और हनुमान जी ने सूर्यदेव से शनि महाराज को मिलवाया.
तब शनि महाराज की इच्छा अनुसार ही हनुमान जी ने काला रंग भी धारण कर लिया था.
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