नागरिक संशोधन अधिनियम में भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के उन लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है, जिन्हें धर्म के आधार पर परेशान किया गया हो.
इस कानून के तहत हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसी लोगों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है.
किसे होगा फायदा, चलिए जानते है...
इस कानून में मुसलमानों का जिक्र नहीं होने से विवाद होता रहा है. इस वजह से सरकार पर धार्मिक भेदभाव का आरोप भी लगा है.
सीएए से फायदा भारत के पड़ोसी देशों में रह रहे लोगों को होगा.
पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान में जिन लोगों को धर्म के आधार पर परेशान किया जा रहा है.
ऐसे लोगों को सीएए के जरिए आसानी से भारत की नागरिकता मिल जाएगी.
भारतीय नागरिकता (संशोधन) कानून पर 5 साल पहले ही मुहर लग गई थी. हालांकि, यह अब लागू हो गया है.
सीएए को लेकर पूरे देश में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे.