CG : मनोकामना पूरी करती हैं सिल्ली घाट की शक्ति माई, रोगी भी हो जाते हैं ठीक
दुर्ग जिला के शिवनाथ नदी, आमनेर नदी और कोड़िया-नंदकठी नाला के त्रिवेणी
संगम
सिल्ली शक्ति घाट
पर शक्ति माई (सती माई) का मान्यता प्राप्त सिद्ध स्थल है.
सती माई सैकड़ों साल तक यहां खुले में रहीं. ग्रामीण ने उसके चारों ओर छोटे-छोटे पत्थर रख दिए.
उन्हीं पत्थरों के ढेर पर सती माई अभी भी विराजित हैं. बाद में भक्तों की ओर से 25 साल पहले छोटा मंदिर बनवा दिया है.
मन्दिर के गर्भ गृह में माई पिण्डी रूप में हैं. अंदर दीवार पर प्रतीक रूप में घोड़े पर सवार राजा रानी का चित्रांकन है.
कहते हैं सिहावा के राजा रानी घोड़े पर सवार हो शादी में जा रहे थे.
रास्ते में राजा की मृत्यु हो गई. फिर
रानी पति के चिता में सती हो गई.
कुछ दिनों बाद वहीं पिंड दिखाई दिया. लोग इसकी
पूजा करने लगे
और श्रद्धा बढ़ गई.
मान्यता है कि
माई
श्रद्धालुओं की मुरादें पूरी करतीं, गुम पशु या वस्तु को मिला देतीं, कई रोग ठीक कर देती हैं.
पौष पूर्णिमा (छेरछेरा) पर यहां विशाल
मेला
लगता है.