Chhath Puja 2025: पीतल के बर्तन का छठ पूजा से है गहरा संबंध

छठ महापर्व की शुरुआत 25 अक्टूबर 2025, शनिवार को नहाय खाय से होगी. इस दिन महिलाएं विशेष रूप से लौकी का सेवन करती हैं.

छठ पूजा में पीतल के बर्तनों का उपयोग शुभता, पवित्रता और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है.

छठ पूजा में भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाता है. पीला चमकीला रंग सूर्य देव के रंग से मेल खाता है.

इसलिए यह सूर्य भक्ति और उन्हें प्रसन्न करने का प्रतीक है. छठ पूजा में शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है, इसलिए पीतल के बर्तन पवित्र माने जाते हैं.

यह धातु भगवान विष्णु को भी प्रिय मानी जाती है. इसके अलावा, पीतल एक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल धातु है.

इस व्रत में शुद्धता और पवित्रता का खास ध्यान रखा जाता है, इसलिए व्रती पारंपरिक रूप से पीतल या फुल्हा के बर्तन का उपयोग करते हैं.

इन बर्तनों का प्रयोग प्राचीन समय से चला आ रहा है.

सूर्य देव का प्रतीक पीला रंग माना जाता है, और पीतल व फुल्हा के बर्तन भी उसी रंग के होते हैं.

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