दुनियाभर में अपने खास टेक्स्चर के लिए जाना जाता है छत्तीसगढ़ का कोसा सिल्क ...

छग के कोसा कपड़े को देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी ख्याति प्राप्त है.

यह सिल्क के सबसे शुद्ध प्रकारों में गिना जाता है. खासियत इसका रंग है.

हल्के गोल्डन रंग के कोसा को पलाश, लाख और गुलाब की पंखुडिय़ों से बने रंगों से डाई किया जाता है.

तितलियों के लार्वा से बने कोकून को उबालने के बाद इनसे रेशम का धागा निकाला जाता है.

7 से 8 कोकून से मिलकर बने धागे से तैयार होती हैं साड़ियां.

कोसा सिल्क की एक साड़ी को तैयार करने में 7 से 8 दिन लगते हैं.

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