मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री आज अपना 60वां जन्मदिन मना रहे हैं. छात्रसंघ से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले मोहन यादव आज प्रदेश के मुखिया की कमान संभाल रहे हैं.

11 दिसंबर 2023 को तीसरी लाइन में बैठे मोहन यादव के नाम पर मुहर लगी और वे विधायक से मुख्यमंत्री मोहन यादव बन गए.

मोहन यादव का जन्म 25 मार्च 1965 में उज्जैन हुआ. पिता पूनमचंद यादव मध्यम वर्गीय परिवार से आते थे. मोहन यादव का बचपन काफी संघर्षों में बीता. उनके पिता मिल में काम करके अपने बच्चों की परवरिश करते थे.

मोहन यादव के चाचा की चाय की दुकान हुआ करती थी, जहां स्कूल से फ्री होने के बाद मोहन हाथ बटाया करते थे. इसी दुकान पर मोहन यादव समोसे भी बनाया करते थे. उन्होंने काम के साथ-साथ पढ़ाई को भी जारी रखा.

उनकी शिक्षा की बात करे तो उन्होंने विक्रम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है.  उन्होंने बीएससी, एलएलबी, एमए, एमबीए और पीएचडी की है. कॉलेज में रहते समय मोहन यादव 1982 में छात्रसंघ के सह सचिव चुने गए थे. यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी.

साल 2013 में बीजेपी ने उन्हें उज्जैन दक्षिण सीट से उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में मोहन यादव ने बंपर जीत दर्ज की. इसके बाद से 2018 में भी दूसरी बार विधायक चुने गए और प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री के पद पर रहे.

साल 2023 में चुनाव जीते और सीधे मुख्यमंत्री बने. जब उनके नाम की घोषणा हुए तो पहली बार तो उन्होंने सुना नहीं. फिर दोबारा उनके नाम को दोहराया गया तब मोहन यादव उठकर मंच पर पहुंचे.

मोहन यादव को मुख्यमंत्री पद भले ही अचानक से मिला हो, लेकिन वे इस पर हड़बड़ी से नहीं बल्कि पूरी तैयारी से आए. मोहन यादव ने तेजी से प्रदेश में अपना नाम बनाया है.