Diwali 2025: कब बनी थी पहली बार रंगोली, जानिए इतिहास और परंपरा

रंगोली की परंपरा पूरे भारत में सुंदरता और उत्सव का प्रतीक है.

आपको बता दें कि इसकी जड़े हजारों साल पुरानी हैं जो वैदिक काल तक फैली हुई हैं.

प्राचीन घरों के आंगन से लेकर मंदिरों के प्रवेश द्वारों तक रंगोली हमेशा से ही पवित्रता, समृद्धि और दैवीय उपस्थिति का प्रतीक रही है.

रंगोली सिर्फ सौंदर्य के लिए नहीं बनाई जाती थी बल्कि इसका एक पवित्र उद्देश्य भी था.

हिंदू परंपरा में रंगोली को समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है.

रंगोली को प्रवेश द्वार पर काफी सुंदरता के साथ बनाया जाता है ताकि घर में सुख, स्वास्थ्य और सफलता का प्रवेश हो और नकारात्मक ऊर्जाएं दूर रहें.

प्राचीन अनुष्ठानों में किसी भी यज्ञ की शुरुआत से पहले अलग-अलग प्रतीकात्मक क्रियाओं के जरिए स्थान को शुद्ध किया जाता था.

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