डकैत भूपत सिंह! जिस पर थी पहले लोकसभा चुनाव में धांधली की जिम्मेदारी
18वीं लोकसभा चुनावों के लिए देश में में मतदान हो रहे हैं. दूसरे चरण में 13 राज्यों में 88 सीटों पर चुनाव हो रहा है. अब चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से होती है.
लेकिन एक वह भी दौर था जब चुनाव बैलेट पेपर पर निर्भर होते थे. उस समय धांधली एक आम बात थी.
क्या आप जानते हैं कि उस समय जब जनता बैलेट पेपर की मदद से अपने नेता का चुनाव करती थी, एक डकैत पर देश के चुनावों में धांधली का जिम्मा था.
यह कहानी देश के सबसे पहले चुनाव की है जब खतरनाक डकैत भूपत सिंह को यह जिम्मा मिला था कि वह धांधली की मदद से देश के चुनावों को प्रभावित करे.
सन् 1952 में जब भारत अपने पहले आम चुनावों की तैयारी कर रहा था, सौराष्ट्र में धोखे का एक बड़ा खेल खेला जा रहा था जिसे खूंखार डाकू भूपत सिंह अंजाम देने में लगा था.
कुछ लोग उसे नायक मानते थे तो कुछ उसे खलनायक के तौर पर करार देते थे. भूपत सौराष्ट्र के सबसे कुख्यात अपराधियों में से एक था.
वह डकैती, हत्या और ऐसे अन्य अपराधों के लिए जाना जाता था. वह करीब 70 से अधिक हत्याएं कर चुका था. राजाओं के कहने पर भूपत ने खूब उत्पात मचाया था.
साल 1952 के मई महीने में ‘The New Yorker’ ने लिखा कि आम चुनावों से कई हफ्ते पहले तक भूपत सिंह के कारनाामों की खूब चर्चा होती थी.
कहा जाता है कि जब भारत में पहले आम चुनाव होने थे उस वक्त इन राजघरानों ने एक बड़ी साजिश रची थी. इस साजिश में शामिल था भारत में होने वाले चुनाव को प्रभावित करना.