Election 2024: कहानी कांग्रेस के पंजे की, ये है यूपी कनेक्शन
इन दिनों लोकसभा चुनाव जोरों पर है. हर पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में डटी है. कांग्रेस इंडिया महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कांग्रेस के चुनाव चिह्न पंजे का यूपी से खास कनेक्शन है. ये चुनाव चिह्न अपनाते ही कांग्रेस की किस्मत रातों-रात बदल गई थी और एक के बाद एक चुनाव जीतने लगी थी.
चलिए जानते हैं इस चुनावी सिंबल की रोचक कहानी के बारे में. ये किस्सा शुरू होता है 1977 में आपातकाल के बाद कांग्रेस को मिली करारी हार से.
इंदिराजी बेहद निराश थीं. कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब था. उन्हें पार्टी के राजनीतिक भविष्य की चिंता भी सता रही थी. निराशा के बीच एक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इंदिरा गांधी को चुपचाप एक सलाह दी.
जिसके बाद उस सलाह पर अमल करते हुए इंदिरा पहुंच गईं देवरिया की मईली में सरयू किनारे प्रवास कर रहे सिद्ध संत देवरिया बाबा के दर्शन करने. जहां देवराहा बाबा से आशीर्वाद लिया.
देवरिया से करीब 40 किलोमीटर दूर देवराहा बाबा के आश्रम में पहुंचकर इंदिरा गांधी ने दूर से नमन कर कांग्रेस को अपना आशीर्वाद देने की प्रार्थना की. इस पर देवराहा बाबा ने हाथ का पंजा उठाकर कहा कि अब यही तुम्हारा कल्याण करेगा.
इंदिरा गांधी इस आशीर्वाद के साथ वापस दिल्ली लौट आई. उन्होंने ठान लिया कि अब यही पार्टी का सिंबल बनेगा. उन्होंने चुनाव आयोग से हाथ का पंजा आवंटित करने की गुजारिश की. जिसके बाद चुनाव आयोग ने कांग्रेस को ये निशान आवंटित कर दिया.
इसके बाद तो मानों जैसे कांग्रेस में नई चेतना आ गई हो. पार्टी ने इसके बाद कई चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए सफलता अर्जित की. तब से यह कहा जाता है कि कांग्रेस का यह चुनाव निशान सिद्ध संत का आशीर्वाद है.