Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉन्ड के 5 साल, किस पार्टी को मिला कितना?

फाइनेंसियल ईयर 2017 से लेकर 2021 के बीच इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये कुल करीब 9 हजार 188 करोड़ रूपये का चंदा राजनीतिक दलों को मिला.

ये चंदा 7 राष्ट्रीय पार्टी और 24 क्षेत्रीय दलों के हिस्से आया.

इन पांच सालों में चुनावी बॉन्ड से बीजेपी को मिले 5 हजार 272 करोड़, वहीं कांग्रेस पार्टी को इसी दौरान 952 करोड़ रूपये हासिल हुए.

जबकि बाकी के बचे लगभग 3 हजार करोड़ रूपये में 29 राजनीतिक दलों को मिलने वाला चंदा था.

पांच बरस में इलेक्टोरल बॉन्ड के कुल चंदे का बीजेपी को जहां 57 फीसदी तो कांग्रेस को केवल 10 फीसदी मिला.

भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बाद इस सूची में तीसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस रही.

टीएमसी को इन्हीं पांच बरसों में करीब 768 करोड़ रुपये इलेक्टोरल बॉन्ड से मिले.

इन तीनों के अलावा बीजेडी, डीएमके, एनसीपी, आप, जदयू जैसी पार्टियों के चंदे की हिस्सेदारी टॉप 10 में रही.

नवीन पटनायक की पार्टी बीजेेडी को 2017 से 2021 के वित्त वर्ष के दौरान कम से कम 622 करोड़, डीएमके को 432 करोड़, एनसीपी को 51 करोड़,

AAP को करीब 44 करोड़ और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड को 24 करोड़ के आसपास चुनावी चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये मिला.

2022-23 का हिसाब, किसको क्या मिला?

मार्च 2022 से लेकर मार्च 2023 के बीच कुल 2,800 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे गए.

कांग्रेस 2022-23 में महज 171 करोड़ रकम पार्टी फंड में जोड़ पाई.

इस तरह 2021-22 में भाजपा की जो आय 1,917 करोड़ थी, वह 2022-23 बढ़कर 2,361 करोड़ को पहुंच गई.

Electoral Bond Scheme: क्या है चुनावी बॉन्ड, जानिये कैसे पार्टियों को मिलता था इससे चंदा…