गांधी जयंती : मोहनदास से महात्मा बनने तक का सफर

2 अक्तूबर को महात्मा गांधी की जयंती है

गांधी के मोहनदास से महात्मा बनने का सफर इतना आसान नहीं है

दक्षिण अफ्रीका प्रवास के दौरान गांधी को कई प्रकार के अपमानजनक अनुभव मिले

उन्होंने इस अपमान के विरुद्ध संघर्ष की राह का चुनाव किया

उन्होंने दक्षिण अफ्रीका तथा भारत में संगठित प्रयास के लिये ‘नटाल इंडियन कांग्रेस' (1894), ट्रांसवाल ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन(1902)

हरिजन सेवक संघ (1933) जैसे संगठनों का निर्माण किया

गांधी के लिये अहिंसा साधन है और सत्य साध्य है। उनका मानना था कि उन्होंने सत्य की अपनी खोज में अहिंसा को प्राप्त किया है

वे कहते हैं, “मेरे लिये अहिंसा का स्थान स्वराज से पहले है

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