आईपीएल दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है, अभी इसका 18वां संस्करण खेला जा रहा है, हर साल के साथ इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है
इस बार ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर, विराट कोहली समेत कई ऐसे प्लेयर्स हैं, जिन्हे 20 करोड़ रूपये से अधिक मिले हैं, सिर्फ अनुभवी नहीं, बल्कि कई नए खिलाड़ियों को भी करोड़ों रूपये मिले हैं
सुनील गावस्कर ने नियमों में बदलाव को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि बड़ी रकम में खरीदे गए बहुत से खिलाड़ी बस गायब हो जाते हैं क्योंकि उनकी इंडिया के लिए खेलने की भूख, इच्छा खत्म हो जाती है
उनके अनुसार इसका फ्रेंचाइजी को तो कोई असर नहीं होगा बल्कि उनके लिए ये अच्छा हो सकता है लेकिन भारतीय क्रिकेट को इसका नुकसान हो सकता है
इस सीजन ने दिखाया है कि पहले चक्र में करोड़ों में खरीदे गए और अब बहुत कम फीस पर खरीदे गए खिलाड़ी बेहतर परिणाम दिखा रहे हैं
महेंद्र सिंह धोनी को समायोजित करने के लिए, जो पिछले साल नीलामी से पहले अनकैप्ड खिलाड़ी बन गए थे, सीमा को बढ़ाकर 4 करोड़ रुपये कर दिया गया था.
उन्होंने लिखा, शायद अब समय आ गया है कि इस पर पुनर्विचार किया जाए तथा इसे और कम किया जाए
ताकि भारतीय क्रिकेट को ऐसी प्रतिभाओं से वंचित न होना पड़े, जो करोड़ों की बोली के दबाव में फंसकर अपना रास्ता भटक जाते हैं
लगभग 10 में से 10 बार, यह केवल अच्छा, पुराना भाग्य, दादा-दादी के अच्छे कर्म या ऐसा कोई शगुन होता है जो एक अनकैप्ड खिलाड़ी को करोड़ों में ले जाता है
इन लीगों के स्कोर कंप्यूटर में डाले जाते हैं और यही किसी खिलाड़ी के लिए बोली लगाने की उनकी जंग का आधार बन जाता है
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