जगन्नाथ धाम, जहां आज भी धड़कता है भगवान श्रीकृष्ण का दिल...
मान्यता है कि जब भगवान श्री कृष्ण ने अपना देह त्यागा था, तब उनका अंतिम संस्कार किया गया था.
इस दौरान उनका बाकी शरीर तो पंच तत्वों में विलीन हो गया था, लेकिन उनका दिल सामान्य और जीवित रहा था..
कहा जाता है कि उनका दिल आज भी सुरक्षित है, जो पुरी के भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के अंदर आज भी धड़कता है.
पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा की काठ (लकड़ी) की मूर्तियां विराजमान हैं.
जिन्हें हर 12 साल बाद बदला जाता है, और जब इन मूर्तियों को बदला जाता है .
तब पूरे शहर की बिजली को बंद कर दिया जाता है, इस दौरान मंदिर के आस पास पूरी तरह अंधेरा होता है.
तब पूरे शहर की बिजली को बंद कर दिया जाता है, इस दौरान मंदिर के आस पास पूरी तरह अंधेरा होता है.