Jagannath Rath Yatra 2024: मिट्टी के बर्तन में ही क्यों बनता है भगवान का महाप्रसाद...

इस साल 7 जुलाई को  भगवान जगन्नाथ की 147 वीं रथयात्रा निकाली जाएगी.

यह पर्व कुल 10 दिनों तक चलता है, जगन्नाथ पुरी के मंदिर में मिलने वाले भोग को महाप्रसाद कहा जाता है.

जगन्नाथ मंदिर में स्थित रसोई को दुनिया की सबसे बड़ी रसोई भी कहा जाता है.

यहां भगवान जगन्नाथ के लिए 56 भोग भी तैयार किए जाते हैं.

चलिए जानते है कि, भगवान का महाप्रसाद मिट्टी के बर्तन में ही क्यों बनाया जाता है.

मिट्टी प्रकृति का प्रतीक है, और जगन्नाथ जी को प्रकृति के साथ जोड़ा जाता है.

मिट्टी के बर्तन में प्रतीक बनाकर, भक्त प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता को व्यक्त करते हैं.

यहां मिट्टी और ईंट से बने 240 चूल्हे हैं, इसके साथ ही 500 रसोइए 300 सहयोगियों के साथ मिलकर 56 भोग बनाते हैं.