Jagdeep Dhankhar: क्यों 1994 है धनखड़ की जिंदगी का बुरा साल?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हेल्थ प्रॉब्लम्स की वजह से 21 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
राजस्थान के झुंझुनू जिले से उपराष्ट्रपति के पद तक का सफर तय करने वाले जगदीप धनखड़ की जिंदगी में तमाम उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उनकी लाइफ का सबसे बुरा साल 1994 रहा.
1994 में जगदीप धनखड़ को व्यक्तिगत त्रासदी का सामना करना पड़ा, जिसने उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया.
दरअसल, उस साल उनके इकलौते बेटे दीपक का निधन हो गया. उस वक्त उनकी उम्र महज 14 साल थी.
दीपक धनखड़ को ब्रेन हेमरेज हुआ था. उन्हें आनन-फानन में दिल्ली ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.
इस हादसे ने धनखड़ को मानसिक और भावनात्मक रूप से पूरी तरह तोड़ दिया.
इस घटना के बाद वह कुछ समय के लिए खामोश और गुमसुम हो गए थे, जैसे सब कुछ भूल गए हों.
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