Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत में आधी रात को क्यों खाते हैं दही-चूड़ा?
Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत में आधी रात को क्यों खाते हैं दही-चूड़ा?
जितिया व्रत बिहार, यूपी और झारखंड में मुख्य तौर पर माताएं अपनी संतानों की खुशहाली के लिए रखती हैं.
इस व्रत के दौरान महिलाएं अर्ध रात्रि दही चूड़ा क्यों खाती हैं? जानें कारण.
जितिया व्रत में अर्ध रात्रि को दही चूड़ा पौष्टिकता के साथ साथ पचने में भी हल्का होता है.
दही के सेवन से शरीर को ठंडक और चूड़े से पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट मिलता है, जिसके कारण अगले दिन व्रती महिलाओं को निर्जला उपवास रखनी की शक्ति प्राप्त होती है.
जितिया व्रत मुख्यत भाद्रपद या आश्विन माह में आता है, जब ये मौसम धान कटाई का भी होता है.
जितिया व्रत में दही चूड़ा खाने की परंपरा केवल धार्मिक आस्था ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, मौसम और व्यावहारिकता से भी जुड़ी हुई है.
जब माताएं जितिया का व्रत करती हैं, तो उपवास रखने से पहले और पारण के समय खाने-पीने की कुछ खास परंपराएं भी निभाई जाती है.
Jitiya 2025: जानिये जितिया व्रत में क्या करें और क्या न करें…