Kantara's Panjurli and Gulega: जानें इन प्राचीन देवताओं की कहानी असली हैं या काल्पनिक?
Kantara's Panjurli and Gulega: जानें इन प्राचीन देवताओं की कहानी असली हैं या काल्पनिक?
साल 2022 में कांतारा नाम की फिल्म में पंजुर्ली और गुलेगा जैसे स्थानीय देवताओं को दिखाया गया था.
साल 2022 में कांतारा नाम की फिल्म में पंजुर्ली और गुलेगा जैसे स्थानीय देवताओं को दिखाया गया था.
बहुत से लोगों को ये पात्र काल्पनिक लगे थे. आइए जानते हैं इसके पीछे का सच क्या है?
बहुत से लोगों को ये पात्र काल्पनिक लगे थे. आइए जानते हैं इसके पीछे का सच क्या है?
कांतारा में दिखाए गए पंजुर्ली और गुलेगा दोनों संरक्षक आत्माएं हैं, जो जंगलों, गांवों और परिवारों से ताल्लुक रखती है.
कांतारा में दिखाए गए पंजुर्ली और गुलेगा दोनों संरक्षक आत्माएं हैं, जो जंगलों, गांवों और परिवारों से ताल्लुक रखती है.
ये दोनों उन्हीं की रक्षा करते हैं, जो प्रकृति का सम्मान और न्याय का पालन करते हैं.
ये दोनों उन्हीं की रक्षा करते हैं, जो प्रकृति का सम्मान और न्याय का पालन करते हैं.
प्रेम से जन्मा पंजुर्ली
प्रेम से जन्मा पंजुर्ली
जो जंगलों और प्राकृतिक जगत का स्वर्गीय रक्षक भी है. जो लोग वनों और प्रकृति का सम्मान करते हैं, उन्हें पंजुर्ली का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
जो जंगलों और प्राकृतिक जगत का स्वर्गीय रक्षक भी है. जो लोग वनों और प्रकृति का सम्मान करते हैं, उन्हें पंजुर्ली का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
गुलेगा की उत्पत्ति कैसे हुई?
गुलेगा की उत्पत्ति कैसे हुई?
पंजुर्ली का जन्म प्रेम से, जबकि गुलेगा का जन्म गुस्से से हुआ था. गुलेगा की उत्पत्ति ब्रह्मांडीय विनाश के दौरान भगवान शिव द्वारा फेंके गए एक पत्थर से हुई थी
पंजुर्ली का जन्म प्रेम से, जबकि गुलेगा का जन्म गुस्से से हुआ था. गुलेगा की उत्पत्ति ब्रह्मांडीय विनाश के दौरान भगवान शिव द्वारा फेंके गए एक पत्थर से हुई थी
गुलेगा ईश्वरीय प्रतिशोध और न्याय का अवतार माना जाता है.
गुलेगा ईश्वरीय प्रतिशोध और न्याय का अवतार माना जाता है.
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