Kanwar Yatra 2025:  कितने तरह की होती है कांवड़ यात्रा, जानें प्रकार

11 जुलाई 2025 से सावन महीने के साथ ही कांवड़ यात्रा भी शुरू होगा.

इसमें कांवड़िया कांवड़ में पवित्र नदी का जल भरकर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करते है.

मुख्य रूप से चार प्रकार की कांवड़ यात्रा होती है, जिनमें सामान्य कांवड़ यात्रा, डाक कांवड़ यात्रा, खड़ी कांवड़ यात्रा और दांडी कांवड़ यात्रा शामिल है.

इन सभी कांवड़ यात्रा में दांडी कांवड़ यात्रा को सबसे कठिन माना जाता है, क्योंकि इसे पूरा करने में लगभग एक माह का समय लग जाता है.

इस यात्रा में कावड़िया दंडवत या दंडौती करते हुए गंगाघाट से शिवधाम तक पहुंचते हैं.

वहीं डाक कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़िया को गंगाघाट से शिवधाम तक बिना रुके चलना होता है.

खड़ी कांवड़ यात्रा में कांवड़िया की सहायता के लिए एक सहयोगी भी होता है, जोकि उसके साथ-साथ चलता है.

सामान्य कांवड़ यात्रा सबसे सरल व आसान मानी जाती है. इसमें कांवड़ियां कांवड़ में गंगाजल भरने के बाद बीच-बीच में आराम-विश्राम करते हुए शिवधाम तक पहुंचते हैं.

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