जानिए बिना AC के कैसे ठंडे रहते थे रेलवे कोच
जानिए बिना AC के कैसे ठंडे रहते थे रेलवे कोच
आए दिन ट्रेन में लाखों लोग यात्रा करते हैं, गर्मी के मौसम में बिना एसी कोच के यात्रा करना बेहद मुश्किल है.
आए दिन ट्रेन में लाखों लोग यात्रा करते हैं, गर्मी के मौसम में बिना एसी कोच के यात्रा करना बेहद मुश्किल है.
ट्रेनों में अलग-अलग श्रेणी के AC कोच आते हैं, लेकिन क्या आपको पता है जब एसी नहीं थे, तब कैसे कोच को ठंडा रखा जाता था.
ट्रेनों में अलग-अलग श्रेणी के AC कोच आते हैं, लेकिन क्या आपको पता है जब एसी नहीं थे, तब कैसे कोच को ठंडा रखा जाता था.
बताया जाता है कि कोच को ठंडा रखने के लिए बर्फ की सिल्लियों को इस्तेमाल किया जाता था.
बताया जाता है कि कोच को ठंडा रखने के लिए बर्फ की सिल्लियों को इस्तेमाल किया जाता था.
उन दिनों की एयर कंडीशनिंग सिस्टम में बर्फ के ब्लॉकों को बोगी के नीचे बने सीलबंद पात्र में रखा जाता था.
उन दिनों की एयर कंडीशनिंग सिस्टम में बर्फ के ब्लॉकों को बोगी के नीचे बने सीलबंद पात्र में रखा जाता था.
बैटरियों से चलने वाला ब्लोअर इन सिल्लियों में हवा फेंकता था और ठंडी हवा वेंट के जरिए ट्रेन के अंदर आया करती थी.
बैटरियों से चलने वाला ब्लोअर इन सिल्लियों में हवा फेंकता था और ठंडी हवा वेंट के जरिए ट्रेन के अंदर आया करती थी.
रेलवे लाइन पर कई बार ट्रेनों को रोका जाता था और ब्लॉकों को बर्फ से भरा जाता था.
रेलवे लाइन पर कई बार ट्रेनों को रोका जाता था और ब्लॉकों को बर्फ से भरा जाता था.
देश की पहली AC ट्रेन को फ्रंटियर मेल के नाम से जाना जाता था, इसे 1934 में BB&CI कंपनी ने शुरू किया था.
देश की पहली AC ट्रेन को फ्रंटियर मेल के नाम से जाना जाता था, इसे 1934 में BB&CI कंपनी ने शुरू किया था.