जानिए सलकनपुर मंदिर का इतिहास

जानिए सलकनपुर मंदिर का इतिहास

सीहोर के रेहटी में विंध्य की मनोहारी पहाड़ी पर विजयासन देवी का मंदिर है, यह सलकनपुर मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है।

सीहोर के रेहटी में विंध्य की मनोहारी पहाड़ी पर विजयासन देवी का मंदिर है, यह सलकनपुर मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है।

मंदिर करीब 4 हजार फीट की उंचाई पर है, देवी की प्रतिमा करीब 400 साल पुरानी बताई जाती है।

मंदिर करीब 4 हजार फीट की उंचाई पर है, देवी की प्रतिमा करीब 400 साल पुरानी बताई जाती है।

मंदिर का इतिहास

मान्यता है कि दुर्गा के महिषासुरमर्दिनी अवतार के रूप में देवी ने इसी स्थान पर रक्तबीज नाम के राक्षस का वध कर विजय प्राप्त की थी।

फिर जगत कल्याण के लिए इसी स्थान पर बैठकर उन्होंने विजयी मुद्रा में तपस्या की थी, इसलिए इन्हें विजयासन देवी कहा गया।

फिर जगत कल्याण के लिए इसी स्थान पर बैठकर उन्होंने विजयी मुद्रा में तपस्या की थी, इसलिए इन्हें विजयासन देवी कहा गया।

52 वां शक्तिपीठ

सलकनपुर मंदिर आस्था और श्रद्धा का 52 वां शक्ति पीठ माना जाता है। 

सालभर भक्त टोलियां बनाकर गाते-बजाते पैदल ही यहां आते हैं।

सालभर भक्त टोलियां बनाकर गाते-बजाते पैदल ही यहां आते हैं।