भारतीय संस्कृति की धरोहर में त्योहारों और उत्सवों का हमेशा से ही बोलबाला रहा है. दिवाली से लेकर होली तक सभी त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं.
इस बार 25 मार्च को देश भर में ‘रंगों का त्योहार’ होली बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. इस मौके पर सभी जगहों पर ‘बुरा न मानो होली है’ की गूंज सुनाई देती है.
लेकिन क्या आप जानते हैं हमारे देश में कुछ राज्य या शहर ऐसे भी हैं जहां होली का त्योहार बिल्कुल भी नहीं मनाया जाता है. चलिए हम बतातें हैं...
कसमार झारखंड में बोकारो जिले के बेरमो उपखंड में कसमार सीडी ब्लॉक का एक गांव है. इस गांव में आज से नहीं बल्कि कई वर्षों से होली नहीं मनाई जाती है. मान्यता है कि लगभग 100 साल पहले एक राजा की एक बेटी की मौत होली के दिन हो गई थी. इस घटना के बाद राजा की भी मौत हो गई थी. वहां के लोगों का ऐसा मानना है कि मौत से पहले राजा ने लोगों से कहा था कि होली नहीं मानना. तब से यहां होली नहीं मनाई जाती है.
कसमार गांव, झारखंड
उत्तराखंड
उत्तराखंड में स्थित कुरझन, क्विली और जौदला गांव में पिछले तीन सौ सालों से होली का त्योहार नहीं मनाया जाता हैं. इस गांव में होली नहीं मानाने के पीछे की वजह बेहद दिलचस्प है. मान्यता है कि इन तीनों गांव की रक्षा त्रिपुरा देवी करती हैं. यहां के लोगों की मान्यता है कि त्रिपुरा देवी को शोर नहीं पसंद है इसलिए इन तीनों गांव में होली नहीं मनाई जाती है.
रामसन गांव, गुजरात
गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित रामसन गांव में भी लोग होली नहीं खेलते हैं. यहां पिछले 200 साल से होली का त्योहार नहीं मनाया गया है. गांव वालों का मानना है कि इस गांव को कुछ संतों का श्राप मिला है. इसलिए चाहते हुए भी लोग यहां होली का त्योहार नहीं मना पाते हैं.
तमिलनाडु, दक्षिण भारत
दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में होली नहीं खेली जाती है. कहा जाता है कि होली के दिन यहां के लोग होली की जगह वहां का स्थानीय पर्व मासी मागम मनाते हैं. लेकिन होली के त्यौहार से उनका कोई सरोकार नहीं होता है.