दीपावली के ठीक एक दिन पहले छोटी दीपावली मनाई जाती है. जिसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहा जाता है.

हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान का विधि विधान से पूजन करने से व्यक्ति सभी प्रकार के पापों से मुक्त होता है.

इस दिन शाम को दीपदान करने की भी प्रथा है.

एक कथा के अनुसार इस दिन ही भगवान कृष्ण ने अत्याचारी असुर नरकासुर का वध किया था

और 16 हजार एक सौ कन्याओं को नरकासुर के बंधन से मुक्त कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था

ये कन्याएं असुर की कैद में थी समाज से बहिष्कृत होने के डर से उन कन्याओं से श्रीकृष्ण ने विवाह कर लिया.

तो ऐसे बनी थी श्रीकृष्ण की 16 हजार एक सौ पत्नियां

नरक चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान की परंपरा है 

मान्यता है इससे नरक से मुक्ति मिलती है और स्वर्ग और सौंदर्य की प्राप्ति होती है.

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