दोनों ही नवरात्र में मां दुर्गा के नौ अलग स्वरूपों की नौ दिनों तक पूजा की जाती है. चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के बीच क्या अंतर हैं चालिए जानते हैं.

इन 9 रूपों को देवताओं ने अपने-अपने शस्त्र देकर महिषासुर को वध करने का निवेदन किया. 

चैत्र नवरात्रि मनाने का कारण

शस्त्र धारण करके माता शक्ति संपन्न हो गई, इस लिए 9 दिनों तक नवरात्रि मनाई जाती है.

देवी दुर्गा ने आश्विन के महीने में महिषासुर पर आक्रमण कर उससे नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध किया था.

शारदीय नवरात्रि मनाने का कारण

चैत्र नवरात्रि के दौरान कठिन साधना और कठिन व्रत का महत्व है.

इन मामलों में भी अलग है चैत्र-शारदीय नवरात्रि

शारदीय नवरात्रि के दौरान सात्विक साधना, नृत्य, उत्सव आदि का आयोजन किया जाता है.

वहीं गुजरात में गरबा आदि का आयोजन किया जाता है

शारदीय नवरात्रि के दौरान बंगाल में शक्ति की आराधना स्वरूप दुर्गा पूजा पर्व मनाया जाता है. 

जबकि शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन महानवमी के रूप में मनाया जाता है.

चैत्र नवरात्रि के अंत में राम नवमी आती है. 

विजय दशमी के दिन माता दुर्गा ने महिषासुर का मर्दन किया था और प्रभु श्रीराम ने रावण का वध किया था

चैत्र नवरात्रि की साधना आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाती है 

 शारदीय नवरात्रि सांसारिक इच्छाओं को पूरा करती है.

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