जानिये काले हिरण को क्यों इतना मानता है बिश्नोई समाज

बिश्नोई समुदाय, जिसकी स्थापना गुरु जम्भेश्वर ने 15वीं शताब्दी के आसपास की थी,

जो 29 सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है. उनकी शिक्षाएं वन्यजीवों और वनस्पतियों की सुरक्षा और संरक्षण पर जोर देती हैं.

बिश्नोई दर्शन के मूल सिद्धांतों में से एक है काले हिरण की पूजा उनके आध्यात्मिक गुरु जम्भेश्वर के पुनर्जन्म के रूप में करना.

बिश्नोई कोई धर्म नहीं है, बल्कि गुरु जम्भेश्वर के 29 सिद्धांतों पर आधारित जीवन जीने का एक तरीका है.

जिन्होंने 550 साल पहले बिश्नोई संप्रदाय की स्थापना की थी.

सिद्धांतों में से एक पेड़ों और जानवरों की सुरक्षा की वकालत करता है.

ये समुदाय जानवरों की रक्षा के लिए मरने के लिए भी तैयार हैं.

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