महाकुंभ 2025: कैसे बनते हैं नए अखाड़े, कहां करना होता है आवेदन
महाकुंभ में देशभर के साधु-संत और सभी 13 अखाड़े पहुंचे हैं.
अखाड़े क्या होते हैं और देश में कुल अभी कितने अखाड़े हैं. और कैसे बनते है नए अखाड़े
अखाड़ा साधुओं का वह दह है, जो शास्त्र के साथ शस्त्र विद्या में भी पारंगत होते हैं.
क्या होता है अखाड़ा?
शाही सवारी, हाथी-घोड़े की सजावट, घंटा-नाद, नागा-अखाड़ों के करतब और तलवार और बंदूक का खुले आम प्रदर्शन यह अखाड़ों की पहचान है.
आदि शंकराचार्य ने सदियों पहले बौद्ध धर्म के बढ़ते प्रसार को रोकने और मुगलों के आक्रमण से हिंदू संस्कृति को बचाने के लिए अखाड़ों की स्थापना की थी.
किसने की थी अखाड़ों की शुरुआत?
8वीं सदी में आदि शंकराचार्य ने शैव, वैष्णव और उदासीन पंथ के संन्यासियों के मान्यता प्राप्त कुल 13 अखाड़े बनाए थे.
जिसमें साधुओं को योग, अध्यात्म के साथ शस्त्रों की भी शिक्षा दी जाती है.
सभी 13 अखाड़ों का संचालन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष करते हैं.
कैसे बनता है नया अखाड़ा?
इसलिए नए अखाड़े की शुरूआत के लिए उनकी सहमति और धर्म की रक्षा के लिए उसकी जरूरत दिखना बहुत जरूरी है.
वहीं अलग-अलग अखाड़ों की अगुवाई करने वालों को महामंडलेश्वर कहा जाता है.
माघी पूर्णिमा : आज सुबह 10 बजे तक 1 करोड़ 30 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
Learn more