महाशिवरात्री विशेष:  शिवलिंग पर तांबे के लोटे से दूध क्यों नहीं चढ़ाना चाहिए?

तांबे को हिन्दू धर्म में शुद्ध धातु माना जाता है, तांबे में कुछ भी रखना उस वस्तु की पवित्रता को सर्वाधिक बनाये रखता है

वहीं, दूध एक ऐसा पदार्थ है जिसे हर पूजा-पाठ में इस्तेमाल किया जाता है

दूध किसी भी वस्तु की नकारात्मकता को खींच लेता है

ठीक ऐसे ही तांबे के लोटे के आसपास अगर कोई भी अशुद्धता मौजूद होती है तो तांबे में दूध भरते ही वह अशुद्धता उस लोटे के भीतर एकत्रित हो जाती है

ऐसे में तांबे के लोटे में मौजूद दूध भी उस नकारात्मकता या अशुद्धता के कारण अपवित्र हो जाता है

फिर वह दूध शिवलिंग पर अर्पित करने योग्य नहीं रहता है

तांबे के लोटे में दूध मदिरा के समान माना गया है

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