Makar Sankranti2024: परंपरा के लिए नहीं, बल्कि इन वजहों से भी उड़ानी चाहिए पतंग
त्रेतायुग में भगवान राम ने मकर संक्रांति के दिन अपने भाइयों और हनुमान के साथ पतंग उड़ाई थीं
तब से मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा शुरू हुई, इस दिन स्नान, पूजा और दान-पुण्य का बेहद महत्व है
इस बार मकर संक्रांति की शुरुआत रोहणी नक्षत्र में हो रही है, इस नक्षत्र को शुभ माना जाता है
-पतंग उड़ाने वाले की नजरें काफी तेज होती हैं, इससे आई-साइट मजबूत हो जाती है, आंखों से जुड़ी कई बीमारियां दूर होती हैं
पतंगबाजी करते वक्त जब आप सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आते हैं तो विटामिन D का उत्पादन होता है
पतंगबाजी एक बेहतरीन दिमाग और शरीर के मेल का व्यायाम वाला खेल होता है
लोग अपनी निगाह उड़ती हुई पतंग पर टिकाए रखते हैं, जिससे देखने की क्षमता में सुधार होता है
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