5300 साल से बाहर बैठकर माता पार्वती कर रहीं इंतजार... इकलौता मंदिर जहां अकेले हैं भोलेनाथ
भगवान शिव का बेहद प्रिय सावन का महीना चल रहा है.
वहीं आपको हरेक मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग और पास में ही नंदी के साथ माता पार्वती,गणेश और कार्तिकेय जी भी बैठे मिलेंगे.
लेकिन, दुनिया का शायद इकलौता शिव मंदिर वृंदावन में है
जहां भोलेनाथ तो गर्भ गृह में विराजमान हैं और माता पार्वती दरवाजे के बाहर बैठकर उनके बाहर निकलने का इंतजार कर रही हैं.
भागवत महापुराण के मुताबिक उस समय भगवान शिव पहली बार माता पार्वती को बिना बताए कैलाश से बाहर निकले थे.
जैसे ही इसकी खबर माता पार्वती को हुई, वह भी भगवान शिव का पीछा करते हुए वृंदावन पहुंच गईं.
यहां उन्होंने देखा कि बाबा नथुनिया वाली गोपी बने हैं और भगवान कृष्ण के साथ गलबहियां कर रास रचा रहे है.
यह देखकर माता पार्वती भी मोहित हो गईं. उन्होंने भी सोचा कि वह भी दर जाकर महारास में शामिल हो जाएं
लेकिन उन्हें डर था कि बाबा तो अंदर जाकर पुरूष से स्त्री बन गए, यदि वह भी स्त्री से पुरुष बन गईं तो क्या होगा.
यही सोच कर माता पार्वती बाहर दरवाजे पर ही बैठकर बाबा को बाहर बुलाने के लिए इशारे करने लगीं.
उस समय बाबा ने भी साफ कह दिया कि इस रूप में तो अब वह यहीं रहेंगे.