MP Special Report: मध्य प्रदेश के इतिहास में इकलौते आदिवासी मुख्यमंत्री, जिन्होंने महज 13 दिन में छोड़ दिया था CM पद, जानिए क्या थी वजह..?
मध्य प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग यूं तो हमेशा से ही उठती रहीं है, लेकिन अब तक सिर्फ एक ही आदिवासी सीएम की कुर्सी तक पहुंच सका हैं.
जी हां हम बात कर रहे है राजा नरेशचंद्र सिंह की, जो मध्य प्रदेश के इतिहास के इकलौते आदिवासी मुख्यमंत्री बने,वो भी सिर्फ 13 दिन के लिए.
नरेशचंद्र सिंह ने दो हफ्ते में ही CM पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद राजनीति में फिर दोबारा नजर ही नहीं आए.
राजा नरेशचंद्र सिंह छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में सारंगढ़ राज्य के शासक थे, उन्होंने अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया.
उनका जन्म 21 नवंबर 1908 को हुआ था. उन्होंने राजकुमार कॉलेज, रायपुर से शिक्षा हासिल की थी. शिक्षा पूरी होने के बाद रायपुर में मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य कर प्रशासनिक दक्षता हासिल की.
उन्होंने 1942 में फुलझर राजा (सराईपाली-बसना) की सुपुत्री ललिता देवी से विवाह किया.
गोविंद नारायण के इस्तीफे के बाद 13 मार्च 1969 को राजा नरेशचंद्र मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने. नरेशचंद्र सिंह मध्यप्रदेश की राजनीति के इतिहास में पहले आदिवासी सीएम बने थे.
लेकिन उसके 13वें दिन ही यानि 25 मार्च 1969 को राजनीतिक तिकड़म और दांव-पेचों से त्रस्त होकर उन्होंने CM के पद के साथ साथ विधानसभा से इस्तीफा देकर राजनीति से सन्यास की घोषणा कर दी.