मुख्तार अंसारी: कभी होती थी क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ियों में गिनती, फिर साधु-मकनू गिरोह में ली Entry...
तकरीबन 18 साल छह माह जेल में रहने के बाद सलाखों के पीछे ही बृहस्पतिवार की रात मुख्तार अंसारी की मौत हो गई.
एक अच्छा क्रिकेटर रहा मनबढ़ किस्म का मुख्तार 80 के दशक में साधु-मकनू गिरोह से जुड़ा.
साधु और मकनू को अपना गुरु मानकर जरायम जगत की बारीकियों को समझा और धीरे-धीरे खुद का अपना गैंग खड़ा कर माफिया सरगना बन गया.
मुख्तार अंसारी का जन्म 20 जून 1963 को नगर पालिका परिषद मुहम्मदाबाद के पूर्व चेयरमैन सुबहानुल्लाह अंसारी के तीसरे पुत्र के रूप में हुआ था.
मुख्तार के दादा मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे.
महात्मा गांधी के सहयोगी रहते हुए वह 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे.
नाना बिग्रेडियर उस्मान आर्मी में थे और उन्हें उनकी वीरता के लिए महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था.
जानिए फाटक के नाम से क्यों मशहूर है मुख्तार अंसारी का घर
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