Navratri 2025 3rd Day Puja: नवरात्रि के तीसरे दिन जरूर पढ़ें मां चंद्रघंट की कथा

मां चंद्रघंटा मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप है, जोकि आकर्षक और शक्तिशाली है.

मां चंद्रघंटा की बाघ की सवारी करती हैं. इनकी पूजा से भय और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है और समस्या का अंत होता है

कथा के अनुसार, मां दुर्गा के इस अवतार लेने का कारण था महिषासुर का सर्वनाश, जब दैत्यों का आतंक बढ़ने लगा तब मां ने चंद्रघंटा का अवतार लिया.

उस समय महिषासुर और देवताओं के बीच भयंकर युद्ध चल रहा था. महिषासुर का लक्ष्य देवराज इंद्र का सिंहासन पाना और वह स्वर्ग लोक पर राज करना था.

ब्रह्मा, विष्णु और महेश बहुत क्रोधित हुए और उनके क्रोध से मुख से ऊर्जा निकली. इस ऊर्जा से एक देवी प्रकट हुईं. 

भगवान शंकर ने उन्हें अपना त्रिशूल, भगवान विष्णु ने अपना चक्र, इंद्र ने घंटा, सूर्य ने तेज, तलवार और सिंह प्रदान किया.

इसके बाद मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का वध कर देवताओं की रक्षा की.

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