Navratri में पीरियड्स: व्रत और पूजा करें या नहीं?

आज भी ऐसे कई लोग हैं, जो मासिक धर्म को पूजा-पाठ के लिए अपवित्र और अशुद्ध मानते हैं और इस दौरान पूजा स्थल से दूर रहने की सलाह दी जाती है.

महिलाओं के मासिक धर्म का चक्र 22 से 28 दिनों का होता है.

अगर आपको पहले से ही आशंका है कि, नवरात्रि के बीच आपका मासिक धर्म शुरू होगा तो, आप पूरे 9 दिनों का व्रत न रखकर

विशेष तिथियों जैसे- पहला दिन, अष्टमी, नवमी या अंतिम दिन का व्रत भी रख सकती हैं.

मासिक धर्म आने पर नौ दिनों के व्रत के संकल्प को छोड़ने के बजाय आप फलाहार लेकर उपवास को पूरा कर सकती हैं और मानसिक भक्ति कर सकती है.

स्वच्छता का ध्यान रखते हुए आप मानिसक जाप, आरती सुनना आदि भी कर सकती हैं. इसमें कोई दोष नहीं है.

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