Pink Cricket Ball : क्रिकेट के डे-नाइट टेस्ट मैच में पिंक गेंद का इस्तेमाल क्यों? जानिए वजह
डे-नाइट टेस्ट में फ्लड लाइट्स में लाल गेंद दिखाई देने में मुश्किल होती है. पिंक गेंद की चमक और रंग इसे फ्लड लाइट में भी स्पष्ट रूप से दिखने में मदद करता है.
पिंक गेंद टीवी प्रसारण के दौरान दर्शकों को साफ और स्पष्ट दिखती है. लाल गेंद की तुलना में यह कैमरे में ज्यादा आकर्षक लगती है, जिससे व्यूअरशिप बढ़ती है.
पिंक गेंद की लेदर को खासतौर पर तैयार किया जाता है, जिससे यह हवा में ज्यादा स्विंग करती है. यह पिच पर तेज मूवमेंट भी देती है, जिससे गेंदबाजों को फायदा मिलता है.
वनडे में हर पारी में नई गेंद का इस्तेमाल होता है, जबकि टेस्ट क्रिकेट में 80 ओवरों के बाद ही गेंद बदलने का नियम है. इसलिए पिंक बॉल गेंद लाई गई.