Pitru Paksha 2025: भूलकर भी इन जगहों पर न करें श्राद्ध, पूर्वज हो जाते हैं नाराज

श्राद्ध कर्म पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है इसके लिए तर्पण और पिंडदान सही जगह हो ये बहुत जरुर है.

ऐसे में जानें किस जगह श्राद्ध नहीं करना चाहिए.

श्राद्ध करने के लिए सही जगह का चुनाव करना बेहद जरुरी है. ऐसे में ध्यान रखें कि अपवित्र भूमि पर श्राद्ध न करें

जैसे कांटेदार भूमि, बंजर भूमि या जहां लोग खुले में शौच करते हों वहां भूलकर भी श्राद्ध नहीं करना चाहिए.

देव स्थान पर श्राद्ध कभी नहीं किया जाता है, क्योंकि पितर और देव कभी एक साथ नहीं पूजे जाते हैं.

मंदिर के परिसर में श्राद्ध करने पर उसका फल प्राप्त नहीं होता न ही पितर उसे स्वीकार करते हैं.

श्राद्ध करने के लिए सबसे उपयुक्त जगह है नदी तट, समुद्ध तट, तीर्थ क्षेत्र या फिर घर में.

श्राद्ध कर्म कभी शाम को नहीं करना चाहिए. सुबह देवों का समय होता है और रात को नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहीत है.

ऐसे में दोपहर का समय श्राद्ध के लिए सबसे उपयुक्त है.