अयोध्या में रामलला के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अबू धाबी में भव्य हिन्दू मंदिर का उद्घाटन किया। 

बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्थान (BAPS)  द्वारा बनाया गया यह मंदिर पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है। 

यह मंदिर 27 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है। इस भव्य मंदिर में इंजीनियरिंग, वास्तुकला और शिल्प कौशल के बेजोड़ संगम की छवि दिखती है।

इस मंदिर के निर्माण में 18 लाख ईंटों का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा 20 हजार टन बलुआ पत्थरों पर राजस्थान में ही नक्काशी की गई थी और उसके बाद 700 कंटेनरों में अबू धाबी लाया गया। 

वहीं इटली से लिए गए संगमरमर को भी नक्काशी के लिए पहले भारत भेजा गया और फिर अबू धाबी लाया गया।  यूएई के अत्यधिक तापमान के मद्देनजर ये टाइल्स आरामदायक होंगी ताकि श्रद्धालु गर्म मौसम में भी घूम सकें।

मंदिर का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने मंदिर का निर्माण करने वाले कारीगरों से मुलाकात की। गुजरात और राजस्थान के करीब दो हजार कारीगरों ने मंदिर निर्माण में योगदान दिया है।