Pradosh Vrat 2025: शिवाजी को प्रसन्न करने का सुनहरा मौका, दिसंबर में पड़ेंगे ये दो प्रदोष व्रत
Pradosh Vrat 2025: शिवाजी को प्रसन्न करने का सुनहरा मौका, दिसंबर में पड़ेंगे ये दो प्रदोष व्रत
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. यह हर माह के त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है.
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. यह हर माह के त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल के अंतिम महीना दिसंबर में पड़ने वाले दो प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है.
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल के अंतिम महीना दिसंबर में पड़ने वाले दो प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है.
पंचांग के अनुसार दिसंबर में पहला प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष में 2 दिसंबर को पड़ रहा है. इस त्रयोदशी तिथि को दिन मंगलवार है.
पंचांग के अनुसार दिसंबर में पहला प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष में 2 दिसंबर को पड़ रहा है. इस त्रयोदशी तिथि को दिन मंगलवार है.
वहीं दूसरा प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष में 17 दिसंबर को है. त्रयोदशी तिथि को इस दिन बुधवार है.
वहीं दूसरा प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष में 17 दिसंबर को है. त्रयोदशी तिथि को इस दिन बुधवार है.
मंगलवार और बुधवार को प्रदोष व्रत पड़ने के कारण इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है.
मंगलवार और बुधवार को प्रदोष व्रत पड़ने के कारण इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है.
इस दिन सिर्फ भगवान शिव की पूजा नहीं करनी चाहिए बल्कि शिव और पार्वती की दोनों की एक साथ पूजा अर्चना करना चाहिए.
इस दिन सिर्फ भगवान शिव की पूजा नहीं करनी चाहिए बल्कि शिव और पार्वती की दोनों की एक साथ पूजा अर्चना करना चाहिए.
माना जाता है कि दोनों की एक साथ पूजा करने से दोगुना फल मिलता है.
माना जाता है कि दोनों की एक साथ पूजा करने से दोगुना फल मिलता है.