प्रेमानंद महाराज के अनुसार, पाप घटने का सबसे बड़ा संकेत है कि, ईश्वर का अनुभव होने लगता है और व्यक्ति मांग, छल, कपट और चतुराई से मुक्त हो जाता है.
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, पाप घटने का सबसे बड़ा संकेत है कि, ईश्वर का अनुभव होने लगता है और व्यक्ति मांग, छल, कपट और चतुराई से मुक्त हो जाता है.