राज्यसभा का रास्ता चुनकर सोनिया ने अपनी सास इंदिरा गांधी का तरीका अख्तियार करने का फैसला किया है.
सोनिया अपनी परंपरागत सीट रायबरेली, जहां से वो 2004 से सांसद हैं. हालांकि सोनिया अब लोकसभा के बजाय राज्यसभा से संसद जा रही हैं.
इंदिरा गांधी 1964 से 1967 तक राज्यसभा की सदस्य रहीं. अब इंदिरा के बाद सोनिया गांधी-नेहरू परिवार की दूसरी सदस्य होंगी जो उच्च सदन में प्रवेश लेने जा रही हैं.
1964 में जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद इंदिरा अगस्त 1964 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुनी गई थीं. जो 1967 तक राज्यसभा की सदस्य रहीं.
1966 की शुरुआत में जब लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु हो गई तो कांग्रेस में संसदीय दल के नेता का चुनाव हुआ. इंदिरा ने अपने प्रतिद्वंदी मोरारजी देसाई को शिकस्त दी.
अमेठी और रायबरेली से सोनिया के राजनीतिक सफर की बात करें तो सोनिया गांधी ने 1999 में उत्तर प्रदेश के अमेठी और कर्नाटक के बेल्लारी से पहला चुनाव लड़ा.
रायबरेली से सोनिया का सफर
सोनिया दोनों जगह से जीतीं लेकिन वे अमेठी की सांसद बनी रहीं और बेल्लारी को छोड़ दिया. 2004 में वे अमेठी छोड़कर ड़ोस की सीट रायबरेली से मैदान में उतरीं और जीत हासिल कीं.
रायबरेली उत्तर प्रदेश की प्रमुख लोकसभा सीटों में से एक है. इस जगह के नेहरू-गांधी परिवार के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी से भी ऐतिहासिक संबंध हैं.
1952 में फिरोज गांधी पहली बार रायबरेली से जीते. इंदिरा भी यहां से चुनाव जीत चुकी हैं. सोनिया गांधी ने 2004, 2009, 2014 और 2019 में रायबरेली लोकसभा सीट जीती.