Ravan Dahan 2025: दशहरा पर रावण के साथ क्यों जलाए जाते हैं मेघनाथ और कुंभकर्ण...
Ravan Dahan 2025: दशहरा पर रावण के साथ क्यों जलाए जाते हैं मेघनाथ और कुंभकर्ण...
आश्विन शुक्ल की दशमी तिथि को भगवान राम ने रावण का वध किया था. इसलिए हर साल इस दिन रावण दहन होता है.
आश्विन शुक्ल की दशमी तिथि को भगवान राम ने रावण का वध किया था. इसलिए हर साल इस दिन रावण दहन होता है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि रावण के साथ मेघनाथ और कुंभकर्ण को क्यों जलाया जाता है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि रावण के साथ मेघनाथ और कुंभकर्ण को क्यों जलाया जाता है.
रावण विद्वान, शिवभक्त और महापंडित था. लेकिन उसका सबसे बड़ा दोष यह था कि, उसने अहंकार और अधर्म की राह पकड़ ली थी.
रावण विद्वान, शिवभक्त और महापंडित था. लेकिन उसका सबसे बड़ा दोष यह था कि, उसने अहंकार और अधर्म की राह पकड़ ली थी.
दशहरा पर मेघनाथ का पुतला जलाना इस बात का संदेश देता है कि, सजा केवल अधर्म करने वालों को ही नहीं बल्कि अधर्म और अन्नाय का साथ देने वालों को भी मिलता है.
दशहरा पर मेघनाथ का पुतला जलाना इस बात का संदेश देता है कि, सजा केवल अधर्म करने वालों को ही नहीं बल्कि अधर्म और अन्नाय का साथ देने वालों को भी मिलता है.
मेघनाथ का दोष-
रावण की तरह ही उसका भाई कुंभकर्ण भी अत्यंत बलशाली था. कुंभकर्ण को ब्रह्मा जी के वरदान प्राप्त था कि, वह साल में केवल 6 महीने ही नींद से जागता था.
रावण की तरह ही उसका भाई कुंभकर्ण भी अत्यंत बलशाली था. कुंभकर्ण को ब्रह्मा जी के वरदान प्राप्त था कि, वह साल में केवल 6 महीने ही नींद से जागता था.
कुंभकर्ण का दोष-
दशहरा पर रावण के साथ कुंभकर्ण का भी दहन होता है, जोकि इस बात का संदेश है कि सत्य का साथ न देना भी उतना ही बड़ा दोष है जितना गलत का साथ देना.
दशहरा पर रावण के साथ कुंभकर्ण का भी दहन होता है, जोकि इस बात का संदेश है कि सत्य का साथ न देना भी उतना ही बड़ा दोष है जितना गलत का साथ देना.
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