बुराई पर अच्छाई की जीत का महापर्व दशहरा इस साल 24 अक्टूबर 2023 को मनाया जाएगा.
भगवान राम ने त्रेतायुग में आश्विन मास के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि पर रावण का वध करके माता सीता को उसके चंगुल से छुड़ाया था.
देशभर के तमाम लोग भगवान राम की लंकापति रावण पर विजय की खुशी मनाते हैं.
आखिर उसी दिन कुछ जगहों पर इसे लेकर क्यों मनाया जाता है शोक, चालिए जानते है.
कर्नाटक के मांड्या और कोलार में रावण का वध नहीं बल्कि विधि-विधान से पूजा की जाती है, क्योंकि यहां रहने वाले लोगों का मानना है कि रावण भगवान शिव के परम भक्त थे.
कर्नाटक में रावण की पूजा
बिसरख नामक गांव को रावण की जन्मस्थली है और यहां के लोग उन्हें महाज्ञानी मानकर पूजा करते हैं
बिसरख में नहीं मनाया जाता है दशहरा
मध्य प्रदेश के मंदसौर में भी रावण का दहन नहीं बल्कि पूजन किया जाता है क्योंकि यहां पर रहने वाले लोग इस स्थान को उनका ससुराल मानते हैं.
मंदसौर में मनाया जाता है शोक
मान्यता है कि मंदोदरी का पैतृक घर यही पर था, इसलिए यहा विजयादशमी के दिन दहन के बजाय मृत्यु का शोक मनाते हैं.
READ MORE
आखिर लक्ष्मण को क्यों मिला था 14 साल जागने का वरदान…