Sawan 2025: किस पात्र से और शिवलिंग पर कहां-कहां चढ़ाएं जल ?
सावन 11 जुलाई से शुरू हो रहा है, ऐसे में जान लेते है कि, शिवाभिषेक किस पात्र से करे.
शिवाभिषेक के लिए तांबे का पात्र सबसे अच्छा माना जाता है. कांसे या चांदी के पात्र से अभिषेक करना भी शुभ माना जाता है.
लेकिन गलती से भी शिवजी का किसी स्टील के बर्तन से अभिषेक नहीं करना चाहिए.
ठीक वैसे ही तांबे के बर्तन से दूध का अभिषेक करना भी अशुभ माना जाता है.
शिवलिंग की पूजा करते समय तांबे के लोटे में जल लेकर जलहरी के दाईं ओर चढ़ाएं, जिसे भगवान गणेश जी का स्थान माना गया है.
फिर बाईं ओर जल चढ़ाएं ये भगवान कार्तिकेय का स्थान माना गया है.
इसके बाद जलहरी के बीचों बीच जल चढ़ाया जाता है, ये शिव की पुत्री अशोक सुंदरी का स्थान माना जाता है.
इसके बाद जलहरी के गोलाकार हिस्से में जल चढ़ाएं जिसे माता पार्वती का स्थान माना जाता है.
शिवलिंग में सबसे सबसे आखिरी में धीमे-धीमे जल चढ़ाएं.
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