कोई 6 महीने, तो कोई 2 साल: जानिये भारत में कैसे तय होता है चीफ जस्टिस का कार्यकाल

जस्टिस संजीव खन्ना ने भारत के नए न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है.

उन्हें भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई है.

ऐसे में चलिए जानते हैं कि भारत के चीफ जस्टिस का कार्यकाल कैसे तय होता है.

संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत, भारत का चीफ जस्टिस सभी सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच से चुना जाता है.

यह प्रक्रिया पूरी तरह से न्यायपालिका की स्वायत्तता पर निर्भर होती है और इसमें सरकार का सीधे कोई हस्तक्षेप नहीं होता.

भारतीय संविधान के तहत चीफ जस्टिस का कार्यकाल आमतौर पर 65 वर्ष की आयु तक होता है

यानी, जब तक चीफ जस्टिस की आयु 65 वर्ष से कम होती है, तब तक वह अपने पद पर बने रह सकते हैं.

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