राम मंदिर को लेकर पूरे देश में उत्सव का माहौल है, पीएम मोदी 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन करेंगे.
इसी बीच ग्वालियर के मशहूर फोटोग्राफर केदार जैन की काफी चर्चा हो रही है जिन्होंने बाबरी विध्वंस के वाकये को अपने कैमरे में कैद किया था.
इन फोटोग्राफ्स के आधार पर ही सीबीआई कोर्ट में बाबरी विध्वंस केस की सुनवाई हुई थी.
फोटोग्राफर ने बताया कि 6 दिसंबर 1992 को चारों तरफ जन समूह के अलावा और कुछ नजर ही नहीं आ रहा था.
मौके पर पहुंचकर उन्होंने भगवान राम का फोटो खींचा जो ताले में बंद था.
कार सेवकों ने चबूतरे का निर्माण कर भगवान रामलला को विराजमान किया, फिर चबूतरे पर छोटा सा टेंट भी बना दिया.
जब वे लौट कर आए तो उसके कुछ दिनों बाद सीबीआई की तरफ से एक समन आया. जिसे देखकर मन में कुछ शंका हुई.
सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि फोटोग्राफ्स को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होना चाहिए.
कटघरे में भी कई बार जज साहब भी चुटकी लेकर कहते थे- आ गए रामलला के फोटोग्राफर.
रामलला के फोटोग्राफर हाजिर हो ! इस शख्स की खींची गई तस्वीर के आधार पर कोर्ट में हुई थी बाबरी विध्वंस केस की सुनवाई, देखें दुर्लभ Photos
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