पीएम मोदी ने 19 फरवरी को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में श्री कल्कि धाम मंदिर का भूमि पूजन किया. जो कि 5 एकड़ में बनकर तैयार होगा. इसे बनने में 5 वर्ष का समय लगेगा.
इस मंदिर में भगवान विष्णु के 10 अवतारों के लिए अलग-अलग गर्भगृह होंगे. जिनमें भगवान कल्कि भी शामिल हैं.
कल्कि पुराण और अग्नि पुराण के अनुसार, श्री हरि का 'कल्कि' अवतार कलियुग के अंत में अवतरित होगा. उसके बाद धरती से सभी पापों और बुरे कर्मों का विनाश होगा.
अग्नि पुराण के 16वें अध्याय में कल्कि अवतार का चित्रण तीर-कमान धारण किए हुए एक घुड़सवार के रूप में किया गया है. इसमें भगवान कल्कि के घोड़े का नाम देवदत्त बताया गया है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कलियुग 432000 वर्ष का है, जिसका अभी प्रथम चरण चल रहा है. जब कलयुग का अंतिम चरण शुरू होगा, तब कल्कि अवतार लेंगे.
कल्कि पुराण के मुताबिक, भगवान कल्कि का जन्म उत्तर प्रदेश के संभल जिले के एक ब्राह्मण परिवार में होगा. भगवान कल्कि एक महान योद्धा होंगे.