हनुमान गढ़ी के मुख्य पुजारी ने तोड़ी सदियों पुरानी परंपरा, की राम मंदिर की यात्रा
30 अप्रैल आज अयोध्या में एक ऐतिहासिक क्षण रहा हनुमान गढ़ी मंदिर के मुख्य पुजारी महंत प्रेम दास सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए पहली बार राम मंदिर की यात्रा की.
यह यात्रा महज 1.6 किलोमीटर की है, लेकिन इसकी प्रतीकात्मकता इतनी बड़ी है कि अयोध्या और उसके बाहर भी इसे लेकर उत्सुकता चरम पर है.
हनुमान गढ़ी का यह संविधान लगभग 200 साल पुराना है, जिसे बाबा अभय दास जी महाराज के समय से निभाया जा रहा है.
इसके अनुसार गद्दी नशीन केवल मंदिर परिसर जो लगभग 52 बीघा भूमि (0.13 वर्ग किलोमीटर) में फैला है.
अब तक इस नियम का कड़ाई से पालन हुआ है, और हाल के दशकों में सिर्फ एक बार किसी गद्दी नशीन ने अस्पताल में भर्ती होने के कारण मंदिर छोड़ा था.
माना जाता है कि जब रामचंद्र जी इस पृथ्वी से विदा हुए, तो उन्होंने अपना राज्य हनुमान को सौंपा था.
और हनुमान ने हनुमान गढ़ी से राम जन्मभूमि की देखरेख की थी, इसी वजह से अयोध्या में हनुमान को राजा और गद्दी नशीन को उनका प्रतिनिधि माना जाता है.
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