कामाख्या मां के बाद दूसरा सबसे बड़ा शक्तिपीठ, जहां बिना सिर वाली माता की होती है पूजा

झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित मां  का छिन्नमस्तिका मंदिर स्थापित है.

यह मंदिर एक अद्भुत मंदिर है. जहां बिना सर वाली देवी की पूजा होती है.

असम की कामाख्या मां के मंदिर के बाद यह मंदिर दूसरा सबसे बड़ा शक्तिपीठ है.

इस मंदिर को 6000 साल पूर्व स्थापित किया गया था.

यह मंदिर दस महाविद्या में से एक मां छिन्नमस्तके का है.

यहां देवी छिन्नमस्तके को प्रेम के देवता कामदेव और प्रेम की देवी रति के ऊपर कमल पर खड़ी नग्नअवस्था रूप में दिखाया गया है.

मंदिर अपनी तांत्रिक शैली की वास्तुकला के लिए भी मशहूर है.

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