सनातन धर्म में ऊँ एक शब्द नहीं है बल्कि इसमें पूरा संसार व्याप्त है. हिंदू धर्म में  ऊँ को बहुत ही पवित्र शब्द माना गया है.

हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग ॐ का जाप भी खूब करते हैं. इससे वातावरण में सकारात्मकता और शांति का संचार होता है.

ऊँ अपने आप में एक मंत्र है. किसी मंत्र  या ग्रंथ में इसको शामिल करने से  उसका महत्व बढ़ जाता है.

वहीं अब ऊँ की तर्ज पर विश्व का पहला मंदिर हाल ही में राजस्थान के पाली जिले के जद्दन गांव में बनकर तैयार हुआ है.

1995 से बन रहे इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 28 साल बाद 19 फरवरी 2024 को होगी, जिसका इंतजार हर शिव भक्तों को है.

हालांकि इस मंदिर का लोकार्पण 10 फरवरी को किया गया था, जिसमें शिव पुराण  की कथा रखी गई थी.

ऊँ आकार के इस मंदिर को ओम शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है.  यह 270 एकड़ में बना है. मंदिर में  भगवान शिव की 1008 मूर्तियां हैं,  जिनमें 12 ज्योतिर्लिंग शामिल हैं.

1200 स्तंभों पर आधारित 135 फीट  लंबे इस मंदिर में 108 कमरे हैं और  परिसर के केंद्र में गुरु माधवानंद जी  की समाधि बनी हुई है.

ऊँ आकार का यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. इसमें उनसे जुड़ी पौराणिक कथाओं के साथ उनके स्वरूपों का  एक साथ दर्शन होगा.